घुघली क्षेत्र के ढेकही गांव में मनरेगा घोटाला में आया नया मोड़, बिना एनओसी सिल्ट सफाई कराने पर ग्राम पंचायत से होगी धन की रिकवरी
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : घुघली क्षेत्र के ढेकही गांव में माइनर की सिल्ट सफाई के एक ही कार्य में सिंचाई विभाग व ग्राम पंचायत से भुगतान उजागर होने पर अब कई जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। प्रकरण में ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने सिंचाई खंड द्वितीय देवरिया के अवर अभियंता हिमांशु यादव के खिलाफ घुघली थाना में केस दर्ज कराया है लेकिन प्रशासन की जांच रिपोर्ट इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि ग्राम पंचायत ने सिंचाई खंड द्वितीय देवरिया को पत्र भेज अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था लेकिन सिंचाई विभाग खण्ड द्वितीय देवरिया ने ग्राम पंचायत को सिल्ट सफाई के लिए एनओसी नही दिया है। डीसी मनरेगा का भी कहना है कि बिना एनओसी दूसरे विभाग के कार्यक्षेत्र में मनरेगा से काम नही कराया जा सकता। डीएम सत्येंद्र कुमार का कहना है कि बिना एनओसी मनरेगा से काम कराने वाले ग्राम पंचायत से धन की रिकवरी कराई जाएगी। दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। प्रशासन के इस रुख से प्रकरण से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है। मनरेगा से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अगर धन की रिकवरी हुई तो उसके निगरानी तंत्र से जुड़े लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।
एक ही काम पर दो भुगतान: ग्राम पंचायत सही या सिंचाई विभाग गलत घुघली क्षेत्र के ढेकही गांव के सामने से गुजरी मेदनीपुर माइनर और चौमुखा माइनर में अक्टूबर महीने में सिंचाई विभाग ने टेंडर निकालकर नवंबर महीने में करीब सात लाख रुपये की लागत से सिल्ट सफाई का कार्य कराने का दावा किया है। इसी माइनर पर ग्राम पंचायत ढेकही पर एक शिकायतकर्ता ने बिना एनओसी के ग्राम पंचायत ढेकही में संजय के खेत से दुर्गा मंदिर पवन के खेत तक और ग्राम पंचायत ढेकही में रामनाथ के दुकान से रामउग्रह के खेत तक माइनर का सिल्ट सफाई का कार्य कराकर करीब छह लाख चालीस हजार रुपये का मनरेगा से भुगतान कराने का आरोप लगाया है। एक ही काम पर दो विभाग से भुगतान की शिकायत के बाद डीएम ने पहले त्रिस्तरीय कमेटी से जांच कराई। बाद में फिर दूसरी जांच हुई। जांच में यह बात सामने आई कि माइनर की सिल्ट सफाई ग्राम पंचायत ने ही कराया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद रोजगार सेवक ने सिंचाई खंड देवरिया के अवर अभियंता हिमांशु यादव के खिलाफ घुघली थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद सिंचाई विभाग और ग्राम पंचायत आमने सामने आ गया। सिंचाई खंड द्वितीय देवरिया के एक्सईएन दुर्गेश गर्ग की सफाई के बाद डीएम ने फिर से मामले की जांच कराई। सूत्रों के मुताबिक जांच में यह बात सामने आई कि ग्राम पंचायत ने सिंचाई विभाग खण्ड द्वितीय देवरिया से एनओसी लिए बिना ही सिल्ट सफाई का कार्य कराया है। मनरेगा एक्ट में यह नियम के खिलाफ है। डीसी मनरेगा ने भी सवालों के जवाब में यह स्पष्ट किया कि बिना एनओसी लिए दूसरे सरकारी विभाग के कार्यक्षेत्र में मनरेगा से काम नही कराया जा सकता।
डीएम ने कहा की धन की होगी रिकवरी, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी
इस मामले में डीएम सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत को सिल्ट सफाई का कार्य कराने से पहले सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं लेना नियम विरुद्ध है। मनरेगा से हुए पूरे भुगतान की रिकवरी ग्राम पंचायत से कराई जाएगी। साथ ही मामले में दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी होगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि धन की रिकवरी के बाद कार्रवाई होगी या फिर मामला केस दर्ज कराने के पेंच में ही उलझा रहेगा।
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